अध्याय 438 पेट्रीसिया से एक क्रूर सबक

ग्रेस ने पैट्रिशिया के तेज झटके की उम्मीद नहीं की थी। पेट को पकड़ते हुए, आँखें कसकर बंद किए, वह फर्श पर गिर पड़ी, उसका चेहरा दर्द से विकृत हो गया, माथे पर पसीने की बूंदें उभर आईं।

दर्द शब्दों से परे था, और पैट्रिशिया की निर्दयता से मारी गई लात ने उसकी पीड़ा को और बढ़ा दिया। पहले से ही बाहर की भीड़ ...

Login to Unlock ChaptersPromotion